Jhoot मक्कारी shayri  झूठे मक्कारों से चाहत की लगाए उम्मीद  ठुकराए बैठे हैं
Duniya शायरी  बहुत ही बड़ी भूल हो गई हम से
हाले गम सुना के गम बढ़ा लिए हमने
हजार आए तालाब गार दिल की बस्ती में
इबादत है
वो दिल नहीं है
तेरे कुनबे से
शामे गम लिखों
Abhi tak aati hai khushbuye sanam
मेरी तरफ से निगाहें तो वो हटा लेगा
यूं ना तुम देखो मुझे
Bas yahi sonch kar
दिल का नुकसान किया है
That is All

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